Default Bail under BNSS 2023 — चार्जशीट में देरी पर आपका वैधानिक अधिकार

Default Bail (Statutory Bail) वह जमानत है जो एक आरोपी को तब मिलती है जब जांच एजेंसी कानूनी समय-सीमा के भीतर चार्जशीट दाख़िल करने में असफल रहती है।

यह अधिकार भारतीय संविधान के तहत व्यक्ति की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है — क्योंकि बिना दोष सिद्ध हुए किसी को अनिश्चित समय तक हिरासत में रखना न्याय और स्वतंत्रता दोनों का हनन होगा।


1. Default Bail क्या है?

अगर पुलिस चार्जशीट समय-सीमा में जमा न कर पाए — तो आरोपी को स्वतः जमानत का अधिकार मिल जाता है। यह अदालत का विवेकाधीन नहीं बल्कि कानूनी अधिकार होता है।

न्याय का सिद्धांत: जांच एजेंसी की देरी का दंड आरोपी को नहीं दिया जा सकता।


2. BNSS 2023 में चार्जशीट दाख़िल करने की समय-सीमा

अपराध की प्रकृति BNSS समय-सीमा
10 वर्ष तक दंडनीय अपराध 60 दिन
10 वर्ष से अधिक दंडनीय / गंभीर अपराध 90 दिन

यदि जाँच एजेंसी इन दिनों के भीतर रिपोर्ट दाख़िल नहीं करती — तो आरोपी को Default Bail का अधिकार स्वतः प्राप्त होता है।


3. Default Bail के लिए आवश्यक शर्तें

  • समय-सीमा पूरी हो चुकी हो
  • चार्जशीट दायर न हुई हो
  • आरोपी जमानत के लिए आवेदन करे
  • आवश्यक जमानत बॉन्ड भरने को तैयार हो

नोट: अदालत इस अधिकार को “सज़ा की तरह हिरासत” में बदलने की अनुमति नहीं दे सकती।


4. Supreme Court का स्पष्ट दृष्टिकोण

सर्वोच्च न्यायालय ने कई निर्णयों में कहा है —

  • Default Bail एक मौलिक अधिकार की तरह सुरक्षित है
  • एक बार अधिकार मिल गया तो बाद में चार्जशीट दाख़िल होने से अधिकार खत्म नहीं होता
  • जांच में देरी आरोपी के विरुद्ध उपयोग नहीं की जा सकती

प्रमुख निर्णय: Supreme Court — “Statutory Bail cannot be defeated by subsequent filing of chargesheet.”


5. क्यों जरूरी है यह अधिकार?

  • Undertrial कैदियों की संख्या कम करने के लिए
  • जांच में आलस्य या अत्याचार रोकने के लिए
  • नागरिक स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए

Default Bail का उद्देश्य — व्यक्ति को अनिश्चित हिरासत से मुक्त रखना और न्यायिक प्रक्रिया को ईमानदार बनाना है।


6. Default Bail कब नहीं मिलेगी?

  • यदि समय-सीमा के भीतर चार्जशीट दाख़िल हो जाए
  • यदि आरोपी आवेदन न करे
  • यदि आरोपी स्वयं जमानत शर्तें पूरी करने से मना करे

यह अधिकार स्वतः है, पर इसे मांगना जरूरी होता है।


7. वकील कैसे Draft करें? (Quick Guide)

  • समय-सीमा पूरी होने का स्पष्ट उल्लेख
  • गिरफ्तारी और जांच की तिथियों का विवरण
  • BNSS 2023 की प्रासंगिक धारा का हवाला
  • बॉन्ड भरने की तत्परता दर्शाना

Note: जमानत याचिका में “Default Bail” शब्द अवश्य लिखें।


8. निष्कर्ष

Default Bail व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षक प्रावधान है। BNSS 2023 ने इसे और अधिक स्पष्ट व प्रभावी बना दिया है।

कानून को समझिए और अपने अधिकारों की रक्षा कीजिए।

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Adv. Shankar Shastri
Advocate & Legal Consultant, JusticeFirms
यह लेख केवल सामान्य कानूनी जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी मामले में व्यक्तिगत सलाह आवश्यक है।
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Adv. Shankar Shastri
Advocate & Legal Consultant, JusticeFirms

This article is for general legal awareness. It does not create a lawyer–client relationship. For case-specific advice, please consult directly.